5 Simple Statements About shiv chalisa lyricsl Explained
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा
शिव चालीसा का पाठ पूर्ण भक्ति भाव से करें।
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शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥ जन्म जन्म के पाप नसावे ।
माता-पिता भ्राता सब होई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
करत कृपा सब के घटवासी ॥ दुष्ट सकल नित मोहि सतावै ।
अंग गौर more info शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन more info क्षार लगाए॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी